Kanchanjunga express accident: पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में 17 जून की सुबह एक बड़ा रेल हादसा हुआ जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। कंचनजंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच हुई इस टक्कर में कई लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए हैं। इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और विस्तृत जांच की आवश्यकता को उजागर किया है।
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Kanchanjunga express accident रेल की दुर्घटना कैसे हुई?
सोमवार की सुबह करीब 8:35 बजे न्यू जलपाईगुड़ी और रंगापानी स्टेशन के बीच कंचनजंगा एक्सप्रेस, जो अगरतला से सियालदह जा रही थी, पीछे से आ रही मालगाड़ी से टकरा गई। इस भीषण टक्कर के कारण कई डिब्बे पटरी से उतर गए और मालगाड़ी का एक पूरा डिब्बा हवा में लटक गया। घटनास्थल पर उपस्थित लोगों ने बताया कि कंचनजंगा एक्सप्रेस उस वक्त धीमी गति से आगे बढ़ रही थी जब पीछे से आ रही मालगाड़ी ने उसे जोरदार टक्कर मारी। टक्कर इतनी भयानक थी कि ट्रेन की बोगियां एक के ऊपर एक चढ़ गईं और कई डिब्बे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।
Kanchanjunga express accident में घायल और मृतकों की संख्या
इस हादसे में मरने वाले लोगो की संख्या बढ़कर 15 हो गई है और लगभग 70 यात्री घायल हुए हैं। घायल यात्रियों को तुरंत पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों ने घायलों का उपचार किया और गंभीर रूप से घायल लोगों को विशेष देखभाल की आवश्यकता है। इस हादसे ने न केवल यात्रियों के जीवन को प्रभावित किया है बल्कि उनके परिवारों को भी गहरे सदमे में डाल दिया है।
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Kanchanjunga express accident का संभावित कारण क्या है?
प्रारंभिक जांच के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि मालगाड़ी के ड्राइवर ने सिग्नल की अनदेखी की थी। यह भी संभव है कि सिग्नल में कोई तकनीकी खराबी रही हो। आमतौर पर, सिग्नल यह बताता है कि आगे कोई ट्रेन है या नहीं। यदि सिग्नल हरा है तो ट्रेन को आगे बढ़ने की अनुमति होती है। हालांकि, इस मामले में मालगाड़ी ने बिना हरे सिग्नल के आगे बढ़ने का प्रयास किया, जिससे यह भयानक हादसा हुआ। रेलवे की प्रारंभिक रिपोर्ट में सिग्नल ओवरशूट का मामला बताया गया है, जिसका मतलब है कि मालगाड़ी ने रेड सिग्नल को पार कर लिया।
Kanchanjunga express accident पर रेलवे की प्रतिक्रिया और मुआवजा
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “एनएफआर जोन में दुर्भाग्यपूर्ण एक्सीडेंट हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ मिलकर काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।”
ममता बनर्जी ने इस हादसे पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में एक दुखद रेल दुर्घटना के बारे में जानकर मैं स्तब्ध हूं। विस्तृत जानकारी का इंतज़ार है। बताया जा रहा है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई है।” उन्होंने यह भी बताया कि डीएम, एसपी, डॉक्टर, एम्बुलेंस और आपदा दल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू कर दिया गया है।
राहत और बचाव कार्य की प्रक्रिया
हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए थे। रेलवे, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ की टीमों ने मिलकर बचाव कार्य चालू कर दिया। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने कहा, “स्थिति अभी थोड़ी गंभीर है। पीछे से मालगाड़ी ने टक्कर मारी है। ट्रेन की 3 बोगी पटरी से उतर गई हैं और अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। हमने लोगों को उनके लगेज के साथ सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। साथ ही यहां एक मदरसे में कैंप स्थापित किया गया है और वहीं उन्हें ले जाया गया है। यहाँ उनका प्रारंभिक इलाज करने के बाद उन्हें न्यू जलपाईगुड़ी के अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।”
reference: ndtv