टेक्नोलॉजी

Nvidia ने रचा इतिहास, एआई चिप्स की बढ़ती मांग के साथ बनी दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी

Nvidia ने एक ऐतिहासिक माइलस्टोन हासिल किया है, यह दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। यह उपलब्धि ऐसे समय में मिली है जब कंपनी के शेयर प्राइस ने एक नया शिखर छुआ है, जो इसके एआई चिप्स की बढ़ती मांग से हुआ है। तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल को भी पीछे छोड़ते हुए, एनवीडिया का मार्केट कैप आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के तेजी से विकसित क्षेत्र में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

Nvidia

Nvidia ने माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़ा

मंगलवार के दिन, एनवीडिया का शेयर प्राइस 3.5% से बढ़कर $135.58 तक पहुंच गया, जिससे इसका मार्केट कैप $3.34 ट्रिलियन हो गया है। इस उछाल के साथ ही एनवीडिया माइक्रोसॉफ्ट से मार्केट कैप आगे निकल गई है। माइक्रोसॉफ्ट मार्केट कैप 0.45% की गिरावट के बाद $3.317 ट्रिलियन पर आ गया है। एनवीडिया ने इस महीने की शुरुआत में ही एप्पल को पीछे छोड़ दिया था, जो तकनीकी उद्योग की श्रेणी में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस(एआई) की मांग से विकास

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस(एआई) की तेजी से बढ़ती मांग एनवीडिया की सफलता का मुख्य कारण रही है। यह कंपनी एआई सॉफ्टवेयर के लिए आवश्यक चिप्स बनाने में माहिर है, और इन तकनीकों की बढ़ती मांग ने एनवीडिया की बिक्री और मुनाफे में उल्लेखनीय वृद्धि की है। कई निवेशक आशावादी हैं कि एनवीडिया की कमाई में लगातार वृद्धि होगी, जो इसके शेयर मूल्य और बाजार मूल्य को और ऊपर ले जाएगी।

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स्टॉक का परफॉर्मन्स और वैल्यूएशन

एनवीडिया का शेयर बाजार प्रदर्शन इस साल काफी उल्लेखनीय रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 19% की वृद्धि की तुलना में, एनवीडिया के शेयर की कीमत लगभग तीन गुनाह हो गई है। एनवीडिया के हालिया स्टॉक स्प्लिट ने इसके उच्च मूल्य वाले शेयर को व्यक्तिगत निवेशकों के लिए अधिक सुलभ बना दिया है, जो इसके बाजार मूल्य में तेजी से वृद्धि में योगदान देता है। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन केवल 9 महीनों में $1 ट्रिलियन से $2 ट्रिलियन तक और सिर्फ तीन महीनों में $3 ट्रिलियन तक पहुंच गया, जो अभूतपूर्व विकास पथ को दर्शाता है।

बाजार की प्रतिक्रिया और बाजार पर इसका प्रभाव

एनवीडिया के शेयरों की तेजी ने पूरे बाजार को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। कंपनी के शानदार प्रदर्शन ने S&P 500 और Nasdaq को रिकॉर्ड हाई पर पहुंचाने में मदद की है। एनवीडिया वॉल स्ट्रीट पर सबसे अधिक कारोबार वाली कंपनी बन गई है, जिसका औसत दैनिक कारोबार $50 बिलियन है, जो एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और टेस्ला जैसी अन्य तकनीकी दिग्गजों से कहीं आगे है। यह चिप निर्माता अब S&P 500 कंपनियों में होने वाले सभी कारोबार का लगभग 16% हिस्सा रखता है, जो बाजार पर इसके महत्वपूर्ण प्रभाव को रेखांकित करता है।

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Nvidia का ऐतिहासिक परस्पेक्टिव

बाजार के टोप पर पहुंचने का एनवीडिया का सफर वाकई उल्लेखनीय रहा है। 1999 में Nasdaq स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी ने शुरुआत की और तेजी से S&P 500 में शामिल हो गई। पिछले 25 वर्षों में, एनवीडिया सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला स्टॉक रहा है, जिसने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर(IPO) के बाद से कुल 591,078 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यह असाधारण प्रदर्शन कंपनी की दूरदृष्टि और उन्नत कंप्यूटिंग तकनीकों की बढ़ती मांग को भुनाने की क्षमता का प्रमाण है।

Nvidia शिखर पर विराजमान, परंतु चुनौतियों से घिरा

अपने वर्तमान दबदबे के बावजूद, एनवीडिया को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एआई क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा काफी तेज है, माइक्रोसॉफ्ट, अल्फाबेट (गूगल की पैरेंट कंपनी), मेटा और एप्पल जैसे प्रमुख तकनीकी दिग्गज बाजार में अधिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। कुछ विश्लेषक, जैसे बार्कलेज के संदीप गुप्ता, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और एआई सॉफ्टवेयर के मुद्रीकरण में संभावित कठिनाइयों के बीच एनवीडिया की बड़ी बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने की क्षमता पर सवाल उठाते हैं। एनवीडिया की वर्तमान वृद्धि की स्थिरता भी एक चिंता का विषय है, क्योंकि कंपनी ने अतीत में शेयर की कीमतों में कई बार उल्लेखनीय गिरावट का अनुभव किया है।

टॉप पर बने रहने की रणनीति: Nvidia का फ्यूचर विजन

एनवीडिया का भविष्य इस पर निर्भर करता है कि वह एआई चिप बाजार में अपनी इनोवेशन और लीड को जारी रख सके। कंपनी की सफलता का श्रेय इसके ग्राफिक्स चिप्स पर केंद्रित रणनीति और सीईओ जेनसन हुआंग की “त्वरित गणना” की दृष्टि को जाता है। जैसे-जैसे एआई तकनीकें विकसित होती रहेंगी, एनवीडिया को अनुकूलन और अपने कॉम्पिटिटर्स से आगे रहना होगा। कंपनी की वर्तमान वृद्धि और बाजार स्थिति को बनाए रखने की क्षमता अनुसंधान और विकास में निरंतर निवेश, साथ ही रणनीतिक साझेदारियों और अधिग्रहणों पर निर्भर करेगी।

reference: BBC News

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