Raebareli Lok Sabha: पिछली बार अमेठी में राहुल गांधी की हार और हाल ही में सोनिया गांधी के राज्यसभा सांसद बनने के बाद से यह सवाल उठ रहा था की रायबरेली सीट में कांग्रेस से कोन लड़ेगा। पर अब रायबरेली सीट से कांग्रेस ने टिकट का ऐलान कर दिया है। गांधी परिवार का गढ़ रायबरेली से कांग्रेस ने राहुल गांधी को उम्मीदवार घोषित किया है। इसबार राहुल गाँधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि राहुल गांधी 2019 में अमेठी सीट से चुनाव हार गए थे।
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उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने सोनिया गांधी की इस सीट के लिए इसबार अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मैदान में उतारा है। इस सीट के लिए नॉमिनेशन के अंतिम दिन पर कांग्रेस ने रायबरेली से अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की उम्मीदवारी का ऐलान किया था। इस सीट पर पांचवें चरण में चुनाव होने वाला है जिसकी तारीख 20 मई है। आप इस दिन इस सीट के लिए अपना क़ीमती वोट दे सकते हो।
इस सीट से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, जो वर्तमान में सांसद हैं, 2019 के आम चुनाव में यूपी में केवल एक लोकसभा सीट ही जीत सकीं थी और वह सीट रायबरेली की थी। और अब 2024 के चुनाव में राहुल गांधी के सामने यूपी में गांधी परिवार का अंतिम किला बचाने की बहोत ही बड़ी चुनौती होगी। इस बार 2024 के चुनाव में कांग्रेस अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर के चुनाव के मैदान में उतरी है। और इसकी वजह से कांग्रेस पार्टी को गांधी परिवार के गढ़ में जीत की बड़ी उम्मीद है।
Raebareli Lok Sabha: किस पार्टी से कौन है उम्मीदवार
रायबरेली की सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस से ही आए दिनेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दिनेश प्रताप योगी सरकार में मंत्री भी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिनेश कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में आ गए थे। 2019 के चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ भी बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को ही उम्मीदवार बनाया था।
पर उस समय दिनेश प्रताप सिंह चुनाव जित नहीं पाए थे और सोनिया गांधी ने इस चुनाव को जित लिया था। रायबरेली का चुनावी इतिहास देखें तो गांधी परिवार के सदस्य जब भी चुनाव के मैदान में उतरते हैं तो इस सीट पर जाति का फैक्टर उतना हावी नहीं रहता जितना की आसपास की सीटों पर नजर आता है।
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Raebareli Lok Sabha: रायबरेली के जातीय समीकरण
रायबरेली लोकसभा सीट के जातीय और सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां करीब 11 फीसदी ब्राह्मण, करीब 9 फीसदी राजपूत, 7 फीसदी यादव वर्ग के मतदाता रहते हैं। यहां दलित वर्ग के मतदाताओं की तादाद सबसे अधिक है। रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में कुल 34 फीसदी दलित मतदाता हैं। यहां मुस्लिम 6 फीसदी, लोध 6 फीसदी, कुर्मी 4 फीसदी के करीब हैं। अन्य जाति-वर्ग के मतदाताओं की तादाद भी करीब 23 फीसदी होने के अनुमान हैं। पिछले कुछ चुनावो में हिंदी बेल्ट में उम्मीदवार की जाति देखकर या राजनीतिक दल को भी देखकर वोट करने का ट्रेंड रहा है लेकिन रायबरेली में गांधी परिवार से किसी सदस्य के चुनाव लड़ने पर जाति का फैक्टर जीरो नजर आया है।
Raebareli Lok Sabha: गांधी परिवार से है पुराना नाता
रायबरेली लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास की बात करें तो यह सीट 1957 से रायबरेली लोकसभा की सीट अस्तित्व में है। 1951-52 के पहले चुनाव में रायबरेली और प्रतापगढ़, दोनों जिलों को मिलाकर एक लोकसभा सीट हुआ करती थी और तब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी यहां से सांसद में निर्वाचित हुए थे। रायबरेली सीट के अस्तित्व में आने के बाद फिरोज गांधी ने दूसरे आम चुनाव में इस सीट का रुख कर लिया और चुनाव जीतकर सांसद पहुंचे थे। इस सीट से चुनाव-उपचुनाव मिलाकर कुल 16 बार कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिली है जबकि तीन बार विपक्ष उम्मीदवार की जीत हुई हैं।
Reference : aaj tak